बी ए - एम ए >> बीए सेमेस्टर-1 संस्कृत बीए सेमेस्टर-1 संस्कृतसरल प्रश्नोत्तर समूह
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बीए सेमेस्टर-1 संस्कृत
प्रश्न- भर्तृहरि के काव्य सौष्ठव पर एक निबन्ध लिखिए।
अथवा
'नीतिशतकम्' में वर्णित सज्जन के स्वरूप पर प्रकाश डालिए।
उत्तर-
भर्तृहरि द्वारा लिखा गया 'नीतिशतक एक नीति ग्रन्थ है। जिसका प्रमुख उद्देश्य हे महत्वपूर्ण शिक्षा प्राप्त करना, अपने सम्पूर्ण काव्य में भर्तृहरि ने व्यक्ति को शिक्षित करने के माध्यम से काव्य सौष्ठव को चरमोत्कर्ष पर पहुँचाया है तथा यह बताया गया है कि मूर्ख होना अभिशाप है। क्योंकि कठिन से कठिन कार्य सरल हो जाता है। परन्तु मूर्ख व्यक्ति को सन्मार्ग पर लाना असम्भव है। संसार में सबकी दवा है परन्तु मूर्ख व्यक्ति को समझाने की कोई औषधि नहीं है। विद्या से रहित व्यक्ति पशु के समान है। विद्वता को कोई नष्ट नहीं कर सकता है। भर्तृहरि ने मानव जीवनोपयोगी अनेक शिक्षाओं को प्रस्तुत किया है। भर्तृहरि का 'काव्य रचना' का प्रमुख आधार अध्ययन बोध, आचरण है जिसके प्रचार से मानव समाज कल्याण प्राप्त कर सकता है। भर्तृहरि का काव्य सौष्ठव पूर्ण रूप से नैतिक शिक्षा पर आधारित है। पाठक सहर्ष कवि के भाव तक पहुँच जाता है। उन्होंने अपने काव्य में प्रसाद गुण एवं वैदर्भी रीति को ही प्रमुख रूप से प्रश्रय दिया है। भाषा पर पूर्ण रूप से भर्तृहरि का अधिकार है भाव के प्रकाशन में भाषा सूर्य की तरह कार्य करती है। अलंकार, छन्द, रस एवं पद लालित्य भर्तृहरि के काव्य की धरोहर है। आपके काव्य में विशेष रूप से यह शिक्षा प्राप्त होती है कि जो व्यक्ति विपत्ति के समय गुरुजनों को छोड़कर मैनाक पर्वत समुद्र में छिप गया है। आज वह विपत्ति में स्वयं है। परन्तु हिमालय स्वतंत्र है।
भर्तृहरि का काव्य सौष्ठव अपने चरमोत्कर्ष पर तीनों शतकों में व्याप्त नीतिगत कथाओं के कारण है। क्योंकि जो सुझाव, शिक्षा, ज्ञान, धर्म, ग्रन्थ आदि तीनों शतकों में भर्तृहरि ने समायोजित किया है वह बेजोड़ है। यही कारण है कि नीतिशतक में भर्तृहरि ने जो वाक्य लिखा है। वह अनुकरणीय है जबकि उन्होंने प्रेरणादायी वाक्यों में यह बताने का भी प्रयास किया है कि स्वार्थी लोगों के द्वारा किसे क्या उपमा दी जाती है।
यथा -
यस्यास्ति वित्तं स नरः कुलीनः
स पण्डितः स श्रुतवान् गुणज्ञः।
स एव वक्ता स चं दर्शनीयः,
सर्वेगुणाः काञ्चनमाश्रयन्ति।।
यही कारण है कि नीतिशतक एक नीति ग्रन्थ हितोपयोगी, लोककल्याणकारी एवं सर्वग्राह्य ग्रन्थ है। नीतिशतक पूर्ण रूप से सामाजिकता का एक अस्त्र है। लोक व्यवहार का दर्पण है, नीति की समालोचना है। अत: यह नीतिशतक समाज के लिए औषधि के समान है।
भर्तृहरि का नीतिशतक इसलिए और निखर जाता है क्योंकि इसमें विद्या, सज्जनता, शौर्य, साहस, शालीनता, मैत्री, उदारता आदि विषयों को अत्यधिक रोचक बनाकर प्रस्तुत किया गया है। नीतिशतक के अध्ययन से ही मनुष्य स्वाभाविक रूप से सज्जन बन जाता है। भर्तृहरि ने श्रृंगार को मायात्मक व्यापार माना है। सौन्दर्य मोह का कारण माना है। मनुष्य सदाचारी बनकर अवश्य ही सन्मार्ग को प्राप्त कर सकता है। यहाँ पर सज्जनों की प्रशंसा एवं मूर्खो की निन्दा की गयी है। सत्संगति की महानता पर विस्तारपूर्वक विचार किया गया है। परोपकारियों की भूरि-भूरि प्रशंसा की गयी है। इनका 'काव्य सौष्टव' अपने आप में अनुकरणीय है। इन्होंने अपने ग्रन्थ में ज्ञान का आभूषण शक्ति, वाणी का संयम, ऐश्वर्य का सज्जनता, शास्त्र का विनम्रता प्रभुता का निश्छलता को बताया है, परन्तु समस्त गुणो का कारण शील सभी का आभूषण है। सम्पूर्ण भर्तृहरि का ग्रन्थ पढ़ने से उनका काव्य एवं उनका नीतिगत ज्ञान, सुझाव आदि हमें यह शिक्ष प्रदान करते है कि वास्तव में नीतिशतक काव्य सौष्ठव से परिपूर्ण एक नीतिगत ग्रन्थ है।
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- प्रश्न- श्री हर्ष की 'परिहास-प्रियता' का एक उदाहरण दीजिये।
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- प्रश्न- किरातार्जुनीयम् महाकाव्य के प्रथम सर्ग का संक्षिप्त कथानक प्रस्तुत कीजिए।
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- प्रश्न- महाकवि भवभूति का परिचय लिखिए।
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- प्रश्न- कालिदास की रसयोजना पर प्रकाश डालिए।
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- प्रश्न- महाकवि भर्तृहरि के जीवन-परिचय पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- 'नीतिशतक' में लोकव्यवहार की शिक्षा किस प्रकार दी गयी है? लिखिए।
- प्रश्न- महाकवि भर्तृहरि की कृतियों पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- भर्तृहरि ने कितने शतकों की रचना की? उनका वर्ण्य विषय क्या है?
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- प्रश्न- धीर पुरुष एवं छुद्र पुरुष के लिए भर्तृहरि ने किन उपमाओं का प्रयोग किया है। उनकी सार्थकता स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- विद्या प्रशंसा सम्बन्धी नीतिशतकम् श्लोकों का उदाहरण देते हुए विद्या के महत्व को स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- भर्तृहरि की काव्य रचना का प्रयोजन की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- भर्तृहरि के काव्य सौष्ठव पर एक निबन्ध लिखिए।
- प्रश्न- 'लघुसिद्धान्तकौमुदी' का विग्रह कर अर्थ बतलाइये।
- प्रश्न- 'संज्ञा प्रकरण किसे कहते हैं?
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- प्रश्न- निम्नलिखित सूत्रों की व्याख्या कीजिए।
- प्रश्न- हल सन्धि किसे कहते हैं?
- प्रश्न- निम्नलिखित सूत्रों की व्याख्या कीजिए।
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